ख़बर रफ़्तार,देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित होने के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इंटरनेट मीडिया में छा गए हैं। गुरुवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर काफी समय तक हैशटैग धर्मरक्षक धामी नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में अब कोई बलपूर्वक अथवा बहला फुसलाकर मतांतरण नहीं करा पाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- विधानसभा सत्र में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित
प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा सत्र में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित कराया। अब यह राजभवन से अनुमोदन मिलने के पश्चात यह कानून बन जाएगा। प्रदेश सरकार के इस कदम को हर तरफ समर्थन मिल रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसका श्रेय देते हुए ट्वीटर पर उनके समर्थकों के ट्वीट से धर्मरक्षक धामी शब्द ट्रेंड होता रहा। यह लंबे समय तक नंबर एक पर बना रहा। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मतांतरण एक गंभीर विषय है।
- विधानसभा सत्र में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित
प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा सत्र में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित कराया। अब यह राजभवन से अनुमोदन मिलने के पश्चात यह कानून बन जाएगा। प्रदेश सरकार के इस कदम को हर तरफ समर्थन मिल रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसका श्रेय देते हुए ट्वीटर पर उनके समर्थकों के ट्वीट से धर्मरक्षक धामी शब्द ट्रेंड होता रहा। यह लंबे समय तक नंबर एक पर बना रहा। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मतांतरण एक गंभीर विषय है।
इस संबंध में जगह-जगह से जानकारी मिल रही थी। यह पता नहीं था कि मतांतरण किस प्रकार के प्रलोभन देकर हो रहा है। उन्हें बहलाया-फुसलाया जा रहा है अथवा कोई और कारण है। अब सरकार ने धर्म स्वतंत्रता विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि उत्तराखंड की धरती में कोई जबरन मतांतरण नहीं करा पाएगा।
इस प्रकार की गतिविधि में किसी का नाम आएगा तो उसे 10 साल तक की कैद होगी। सरकार ने मतांतरण को लेकर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में यह कानून बनाया गया है। यह बहुत सख्त कानन है। कोई भी इसमें दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होगी।
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