ख़बर रफ़्तार, डोडा: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार शाम को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए. वहीं, एक घायल सुरक्षाकर्मी का अस्पताल में इलाज चल रहा है. सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया अभियान जारी है. सोमवार शाम को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में पांच भारतीय सैनिक घायल हो गए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से बात की
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, ‘मेरे लोकसभा क्षेत्र के डोडा जिले के देसा इलाके में सशस्त्र मुठभेड़ की खबरों से मैं बहुत व्यथित हूं. हमारे बहादुरों की शहादत पर शोक व्यक्त करने और हमले की निंदा करने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं. आइए हम सब मिलकर दुश्मन के नापाक इरादों को परास्त करें और शांति और सद्भाव बनाए रखें, जिसके लिए डोडा हमेशा से जाना जाता है.’
अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान अधिकारी समेत चार जवानों की मौत हो गई. एक जवान सेना के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है. पुलिस ने सोमवार को बताया कि देसा वन क्षेत्र में मुठभेड़ शुरू हुई. राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया.
अधिकारियों के अनुसार घेराबंदी को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त जवानों को बुलाया गया है. सेना के व्हाइट नाइट्स कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर भारतीय सेना और जेकेपी द्वारा डोडा के उत्तरी क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान जारी था. आज रात (सोमवार) करीब 9 बजे आतंकवादियों से संपर्क स्थापित हुआ, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई.’
अतिरिक्त सैनिकों को क्षेत्र में भेजा गया है. ऑपरेशन जारी है. इससे पहले दिन में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक आतंकवादी ठिकाने से पुराने जंग लगे हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. अधिकारियों के अनुसार बरामद वस्तुओं में एके-47 की 30 राउंड गोलियां, एके-47 राइफल की एक मैगजीन और एक एचई-36 हैंड ग्रेनेड शामिल हैं.
ऊपर से हेलीकॉप्टर-ड्रोन से निगरानी:
जम्मू कश्मीर के डोडा के देसा वन क्षेत्र में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए भारतीय सेना कमांड, पुलिस के विशेष समूह और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम द्वारा व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया. तलाशी अभियान में हाई-टेक स्पेक्ट्रम ड्रोन का भी उपयोग करके किया जा रहा है, जो हाई-डेफिनिशन कैमरों से लैस हैं. ये कई किलोमीटर दूर तक वीडियो कैप्चर करने की क्षमता रखते है. इसके साथ ही सेना के हेलिकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है.
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