खबर रफ़्तार, इस्लामनगर (बदायूं) : श्रद्धालुओं ने बताया कि वह लोग सात सितंबर को काठमांडू पहुंचे थे। अगले दिन आठ सितंबर से हिंसा शुरू हो गई। उपद्रव बढ़ने से उसी दिन होटल की बिजली काट दी गई और खाना बनाने वाला स्टाफ तक भाग गया। श्रद्धालुओं को एक दिन तो अपने स्तर पर खाने-पीने की व्यवस्था करनी पड़ी।
जेल का ताला तोड़ कैदियों को निकाला गया
होटल में डर और दहशत के बीच बीते दिन
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाया भयावह अनुभव
नेपाल में फंसे श्रद्धालु संजय शंखधार ने बताया कि होटल के बाहर तांडव मचा था। उपद्रवी हर चीज लूट रहे थे, रोकने वालों के साथ मारपीट कर रहे थे। पुलिस भी मौके से भाग गई थी। बाद में सेना ने हालात संभाले। पेट्रोल पंप स्वामी वीरेंद्र बॉबी ने कहा कि एक पल को तो लगा अब सब खत्म हो जाएगा। मगर भगवान की कृपा से सभी सकुशल रहे। लेखपाल अरुण सक्सेना ने कहा कि श्रद्धालु डरे हुए थे, लेकिन होटल प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि उनकी मदद की जाएगी। श्रद्धालु संजय शंखधार के पुत्र मुदित शंखधार ने बताया कि सभी के टिकट करा दिए गए हैं और सेना श्रद्धालुओं को सुरक्षित एयरपोर्ट तक ले जाएगी।
+ There are no comments
Add yours