नेपाल में फंसे बदायूं के 23 श्रद्धालु, हिंसा के बीच लगाई मदद की गुहार

खबर रफ़्तार, इस्लामनगर (बदायूं) : श्रद्धालुओं ने बताया कि वह लोग सात सितंबर को काठमांडू पहुंचे थे। अगले दिन आठ सितंबर से हिंसा शुरू हो गई। उपद्रव बढ़ने से उसी दिन होटल की बिजली काट दी गई और खाना बनाने वाला स्टाफ तक भाग गया। श्रद्धालुओं को एक दिन तो अपने स्तर पर खाने-पीने की व्यवस्था करनी पड़ी।

नेपाल में जारी हिंसा और तख्तापलट के बीच काठमांडू स्थित मेरिडियन होटल में फंसे यूपी के बदायूं स्थित इस्लामनगर कस्बे व आसपास के 23 श्रद्धालुओं की शुक्रवार शाम चार बजे तक दो फ्लाइटों के जरिए दिल्ली वापसी होगी। ये सभी श्रद्धालु बीते सात सितंबर को नेपाल गए थे। जहां पशुपतिनाथ मंदिर, जनकपुरी तथा मुक्तिधाम के दर्शन करने थे। उपद्रव के कारण कई दिन होटल में भयभीत रहकर उन्होंने कठिन समय गुजारा। मगर अब भारत सरकार और नेपाल प्रशासन की मदद से उनकी सकुशल वापसी की व्यवस्था कर दी गई है। उधर, बिनावर व दातागंज के छह लोग के भी नेपाल में फंसे की जानकारी साामने आई है।

होटल से एयरपोर्ट तक लाएगी नेपाल सेना
बताया गया है कि 14 श्रद्धालु काठमांडू से सुबह 10:50 बजे की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचेंगे। शेष नौ श्रद्धालु दोपहर दो बजे की फ्लाइट से दिल्ली आएंगे। इस दौरान नेपाल की सेना उन्हें होटल से एयरपोर्ट तक सुरक्षित ले जाएगी। परिजनों ने बताया कि वापसी के टिकट ढाई गुना महंगे दाम पर मिले हैं, क्योंकि हालात बिगड़े होने से एयरलाइंस ने किराया बढ़ा दिया है।
जेल का ताला तोड़ कैदियों को निकाला गया
वहीं, श्रद्धालुओं ने फोन कॉल पर परिजनों को बताया कि काठमांडू में मेरिडियन होटल जिस इलाके में हैं, उसी के पास संसद भवन और कुछ राष्ट्राध्यक्षों के आवास भी हैं। समीप की एक बड़ी जेल से उपद्रवियों ने कैदियों को निकालने का प्रयास किया। जेल का ताला तोड़कर कैदियों को बाहर लाया गया और फिर पूरे इलाके में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई। आसपास की दुकानों, होटलों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। वह लोग (श्रद्धालु) भयभीत होकर होटल में ही दुबके रहे। होटल स्टाफ ने उपद्रवियों को अंदर घुसने से रोकने का हरसंभव प्रयास किया। पास के एक अन्य होटल में आगजनी होते देख वह लोग भयभीत हो गए। सभी ने हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना की कि वे सकुशल अपने घर लौट जाएं। उधर, नेपाल में अशांति के बीच जिले के बिनावर के चार और दातागंज के दो लोग फंसे हुए हैं। उनके परिजनों से लगातार संपर्क साधा जा रहा है और सुरक्षित वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
होटल में डर और दहशत के बीच बीते दिन
श्रद्धालुओं ने बताया कि वह लोग सात सितंबर को काठमांडू पहुंचे थे। अगले दिन आठ सितंबर से हिंसा शुरू हो गई। उपद्रव बढ़ने से उसी दिन होटल की बिजली काट दी गई और खाना बनाने वाला स्टाफ तक भाग गया। श्रद्धालुओं को एक दिन तो अपने स्तर पर खाने-पीने की व्यवस्था करनी पड़ी। बाद में दूतावास की पहल पर दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान पहुंचाया गया। धीरे-धीरे बिजली-पानी और भोजन की व्यवस्था बहाल की गई। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि नेपाली नागरिकों और बड़े व्यापारियों ने भी आगे बढ़कर मदद की। श्रद्धालुओं के परिजनों ने अपने परिचितों के माध्यम से संपर्क साधा और जरूरी सामान उपलब्ध कराया गया। चार दिन डर और दहशत के बीच बीते।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाया भयावह अनुभव
नेपाल में फंसे श्रद्धालु संजय शंखधार ने बताया कि होटल के बाहर तांडव मचा था। उपद्रवी हर चीज लूट रहे थे, रोकने वालों के साथ मारपीट कर रहे थे। पुलिस भी मौके से भाग गई थी। बाद में सेना ने हालात संभाले। पेट्रोल पंप स्वामी वीरेंद्र बॉबी ने कहा कि एक पल को तो लगा अब सब खत्म हो जाएगा। मगर भगवान की कृपा से सभी सकुशल रहे। लेखपाल अरुण सक्सेना ने कहा कि श्रद्धालु डरे हुए थे, लेकिन होटल प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि उनकी मदद की जाएगी। श्रद्धालु संजय शंखधार के पुत्र मुदित शंखधार ने बताया कि सभी के टिकट करा दिए गए हैं और सेना श्रद्धालुओं को सुरक्षित एयरपोर्ट तक ले जाएगी।

23 devotees from Badaun in Kathmandu amidst violence

सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी अवनीश राय ने नेपाल दूतावास से संपर्क किया तो श्रद्धालुओं की वापसी की प्रक्रिया तेज हुई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने डीजीपी कार्यालय तक बात पहुंचाई, जिसके बाद राहत सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति की गई। भाजपा नेता जितेंद्र सक्सेना, पदाधिकारी अशोक भारती और डायरेक्टर हितेंद्र शंखधार ने जिलाधिकारी, एसएसपी और एडीएम से मुलाकात कर श्रद्धालुओं की सकुशल वापसी की जानकारी ली और लगातार संपर्क में बने रहे।
23 devotees from Badaun in Kathmandu amidst violence
परिजनों की दुआएं और उम्मीदें
बदायूं व इस्लामनगर में बैठे परिजन लगातार फोन पर संपर्क कर रहे हैं। हर कोई भगवान से यही प्रार्थना कर रहा है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित घर लौट आएं। कस्बे के लोग भी परिजनों से संपर्क बनाए हुए हैं और सकुशल वापसी की शुभकामनाएं दे रहे हैं।
नेपाल में फंसे लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। इस दिशा में काम चल रहा है। इसको लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
इस्लामनगर और बिसौली के 23 लोग नेपाल में फंसे हुए हैं। उन सभी लोगों से बात हो गई। सभी सुरक्षित हैं। उनको लाने के लिए सभी के हवाई जहाज के टिकट करवा दिए गए हैं। शुक्रवार को वह दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंच जाएंगे। वहां से वह लोग घर आ जाएंगे।
23 devotees from Badaun in Kathmandu amidst violence
सांसद आदित्य यादव ने प्रधानमंत्री से की मदद की अपील
जिले के सांसद आदित्य यादव ने इस गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुए ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से तत्काल मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। सांसद ने कहा कि विदेश मंत्रालय और नेपाल स्थित भारतीय दूतावास को निर्देश दिए जाएं कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर जल्द से जल्द भारत लाया जाए। सांसद ने कहा कि बदायूं की जनता अपने परिजनों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रही है। सांसद ने प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्रालय और सूचना विभाग को भी टैग कर इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

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