ख़बर रफ़्तार, देहरादून: देश के कई राज्यों में जमीनी धोखाधड़ी के मास्टर माइंड बाबा अमरीक सिंह गिरोह के सक्रिय सदस्य और मुख्य आरोपी रणवीर सिंह को उत्तराखंड पुलिस बी वारंट पर अंबाला हरियाणा से देहरादून लाने की तैयारी कर रही है. जिसके बाद आरोपी रणवीर सिंह से पूछताछ की जाएगी और अमरीक गैंग की कुंडली खंगाली जाएगी.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी इस वक्त दिल्ली पुलिस पर जानलेवा हमला करने के आरोप में केंद्रीय कारागार अंबाला में बंद है. रणवीर सिंह पर आरोप है कि उसने अपने गिरोह के साथ मिलकर देहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र में करीब 15 करोड़ रुपए की जमीन धोखाधड़ी की थी. इस मामले में राजपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज है.
पुलिस ने बताया कि अमरीक सिंह गिरोह के सदस्य देश के अलग-अलग राज्यों में जमीन धोखाधड़ी से जुड़े कई कांड कर चुके है. इस गिरोह के खिलाफ उत्तराखंड समेत देश के अन्य राज्यों में जमीनी धोखाधड़ी के 18 से ज्यादा मुकदमें दर्ज है.
क्या है पूरा मामला
पुलिस ने बताया कि 21 मार्च 2024 गोविंद पुंडीर ने देहरादून के राजपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में पुंडीर ने पुलिस को बताया था कि वह प्रोपर्टी डीलर है. पुंडीर ने पुलिस को बताया कि अगस्त 2023 में अमजद अली जो पहले जाखन में वेल्डिंग का कार्य करता था, वो अदनान नाम के व्यक्ति के साथ उनके बड़े भाई उपेन्द्र थापली से मिला.
पुंडीर की शिकायत के अनुसार उन दोनों ने बताया था कि महाराष्ट्र के नादेड के बहुत बड़े बाबा अमरीक सिंह स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे है. हालांकि उन्होंने एक शर्त भी रखी थी कि जिस जमीन को वो खरीदेगे उसकी मिट्टी पहले बाबा को उपलब्ध करानी होगी. क्योंकि बाबा खरीदने वाली जमीन की मिट्टी चेक करते हैं और उसके बाद ही जमीन खरीदते हैं.
बाबा के नाम पर फंसाया
पीड़ित ने अमजद अली के कहे अनुसार तीन जमीनों के मिट्टी उन्हें उपलब्ध करा दी. अगस्त 2023 के दूसरे सप्ताह में अमजद अली और अदनान दोबार से पीड़ित के पास आया और कहा कि जो मिट्टी उन्हें दी गई, वो पास नहीं हुई है. 18 सितंबर 2023 को अमजद अली, राम अग्रवाल, सचिन गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग उर्फ बड़ा काणा, सुमित बंसल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान आदि सभी लोग पीड़ित के पास पुरकुल गांव देहरादून आये और कहा कि कुछ किसान करनाल हरियाणा में अपनी जमीन बेच रहे हैं, जिसकी मिट्टी बाबा ने पास कर दी है. पीड़ित जमीन का बयाना कर लें, ताकि वे उसे आगे बाबा को बेच सकें.
आरोपियों में इस तरह फंसा पीड़ित को
सभी लोगों ने कहा कि बाबा की संस्था में कार्य करने के कारण वह जमीन की सीधी खरीद फरोख्त नहीं कर सकते. उनके द्वारा पीड़ित को अपने साथ साझेदार बनने और जमीन की खरीद फरोख्त में मोटा मुनाफा होने का लालच दिया. जिस पर पीड़ित ने लोगों पर विश्वास कर अलग-अलग समय पर उन्हें लगभग 15 करोड़ रुपये दे दिए. जब पीड़ित भूमि की रजिस्ट्री कराने करनाल हरियाणा पहुंचा तो भूमि के मालिक किरनपाल और उनके सहयोग सुखराम पाल ने उन्हें अपने भाई की तबियत खराब होने और उसके आईसीयू में भर्ती होने की बात बतायी.
इनकम टैक्स के नाम पर किया कांड
उसके बाद पीड़ित की मुलाकात बाबा अमरीक सिंह से उसके सहयोगियों के माध्यम से हुई और उनके द्वारा बताया गया कि जब तक तीनों भाई साथ नहीं आयेंगे तब तक रजिस्ट्री नहीं हो पायेगी. कुछ समय बाद जब पीड़ित दूसरी बार रजिस्ट्री कराने के लिए हरियाणा जाने के लिये तैयार हुआ तो किरणपाल द्वारा उसे फोन करके बताया कि बाबा को पैसे के साथ इनकम टैक्स और पुलिस ने पकड़ लिया है और बदले में 6 करोड़ रुपये मांग रहे है.
आरोपी ने तीन करोड़ रुपये खुद देने और तीन करोड़ की व्यवस्था पीड़ित से करने को कहा गया. पैसों का इंतजाम न होने पर मामला इनकम टैक्स में जाने और पहले में दिया गया पूरा पैसा जप्त होने का डर दिखाया गया. उनकी बातों पर विश्वास कर पीड़ित द्वारा समय-समय पर उन्हें तीन करोड रुपए का और भुगतान किया. लेकिन फिर भी आरोपियों ने पीड़ित को समय-समय पर रजिस्ट्री कराते समय बहाना बनाकर झांसा दिया गया. जब पीड़ित द्वारा आरोपियों के संबंध में और अधिक जानकारी की गयी तो पता चला की आरोपियों द्वारा गिरोह बनाकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में इसी प्रकार से कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है.
आरोपियों को आपराधिक इतिहास
तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस द्वारा मामले की जांच के दौरान पता चला की धोखाधड़ी में शामिल सभी आरोपियों का एक लंबा आपराधिक इतिहास है, जिनके खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में धोखाधड़ी के 18 मुकदमें दर्ज है.
थाना राजपुर पुलिस द्वारा गिरोह में शामिल 04 आरोपियों अदनान, अमजद, शरद गर्ग और साहिल को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था, उसके बाद मुकदमे की विवेचना के दौरान सामने आए एक अन्य आरोपी रणवीर सिंह निवासी जनपद अंबाला हरियाणा न्यायालय से वारंट-बी प्राप्त किया गया.
आरोपी रणवीर सिंह 24 जून 2024 ने पंचकूला में दिल्ली पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला किया था. मुठभेड़ में आरोपी रणवीर के पैर में गोली लग गई थी, जिसका उपचार पंचकूला के एक निजी अस्पताल में हरियाणा पुलिस की निगरानी में चल रहा था.
19 जुलाई को आरोपी के ठीक होने के बाद हरियाणा पुलिस द्वारा आरोपी रणवीर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में केंद्रीय कारागार अंबाला भेजा गया था, जिसके खिलाफ थाना सेक्टर 20 पंचकुला हरियाणा में मुकदमा दर्ज है.
एसएसपी देहरादून अजय सिंह के निर्देशो पर पूर्व में दून पुलिस की एक टीम को आरोपी से पूछताछ के लिए सेक्टर 20 पंचकुला भेजा गया था, जिनके द्वारा आरोपी से बाबा अमरीक गैंग के अन्य सक्रिय सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई गई थी.
थाना राजपुर प्रभारी पीड़ी भट्ट ने बताया कि राजपुर पुलिस द्वारा रणवीर का वारंट बी प्राप्त कर सेंटर जेल अंबाला में दाखिल कर लिया गया है. आरोपी को जल्द ही देहरादून लाकर गैंग के अन्य सदस्यों के सम्बन्ध में जानकारी जुटाई जाएगी. साथ ही आरोपी रणवीर एक हार्डकोर क्रिमिनल है, जिसके खिलाफ देश के कई राज्यों में संगीन वारदातों के कई मुकदमे पंजीकृत हैं.
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