
खबर रफ़्तार, रुद्रपुर: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नजूल भूमि की फ्री होल्ड प्रक्रिया पर पुनः रोक लगाई है। राज्य सरकार ने इस आदेश को लागू कर दिया है, जिससे नजूल भूमि पर स्वामित्व की उम्मीद लगाए लोगों को झटका लगा है। यह विवाद 2009 से चला आ रहा है और 2018 में हाईकोर्ट ने नीति को असंवैधानिक करार दिया था।
साल 2018 में हाई कोर्ट द्वारा नजूल नीति को असंवैधानिक करार देने के बाद राज्य सरकार ने इस आदेश को 2021 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जहां सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के हित में आदेश देते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था।
बाद में सरकार ने नई नजूल नीति लेकर आई थी। यह नीति एक साल के लिए थी, लेकिन बाद में इसे 2023 तक के लिए वैध करार कर दिया गया था। हाल ही में हाईकोर्ट ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने की प्रक्रिया पर रोक लगा दिया है।
उत्तराखंड में विवाद में घिरी नजूल भूमि पर पूर्ण रूप से स्वामित्व यानी फ्री होल्ड हासिल करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। यह कदम हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने उठाया है। इससे उन लोगों को झटका लगा है, जो नजूल भूमि पर स्वामित्व हासिल करने की आस लगाए हुए थे।
शहरी इलाके में नजूल भूमि पर कब्जा चाहनेवाले लोग इस जमीन पर स्वामित्व हासिल कर, मालिकाना हक देने की मांग को सरकार के सामने उठाते रहे हैं।
बता दें- इसी कारण साल 2009 में नजूल नीति लेकर आई थी। जिसके बाद यह केस हाई कोर्ट में चला गया था। हाई कोर्ट में जाने के बाद 2018 में इस नीति को असंवैधानिक बताकर इसपर रोक लगा दी गई थी।
कोर्ट में केस
साल 2018 में हाई कोर्ट द्वारा नजूल नीति को असंवैधानिक करार देने के बाद राज्य सरकार ने इस आदेश को 2021 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जहां सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के हित में आदेश देते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था। बाद में सरकार ने नई नजूल नीति लेकर आई थी। यह नीति एक साल के लिए थी, लेकिन बाद में इसे 2023 तक के लिए वैध करार कर दिया गया था।
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